कानपुर में हिस्ट्रीशीटर बदमाश को उसके गांव में पकड़ने गई पुलिस टीम पर गुरुवार आधी रात के बाद बदमाशों ने घरों की छत से पुलिस पर गोलियां बरसाईं. दोनों ओर से गोलीबारी में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत तीन सब इंस्पेक्टर और चार सिपाही शहीद हो गए, छह से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिन्हें कानपुर नगर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, इनमें से एक पुलिस कर्मी की हालत गंभीर बनी हुई है. एडीजी जयनारायण सिंह, आईजी मोहित अग्रवाल एसएससी दिनेश कुमार पी समेत पुलिस अधिकारी मौके पर हैं और फोर्स ने गांव को चारों ओर से घेर लिया है. एसएसपी कानपुर के अनुसार राहुल नाम के व्यक्ति द्वारा फायर किए जाने की शिकायत पर सीओ बिल्हौर के नेतृत्व में बिल्हौर एसओ, शिवराजपुर एसओ, बिठूर एसओ सहित अन्य पुलिस कर्मचारी दबिश पर गए हुए थे. तभी हमलावरों ने पूरी पुलिस टीम को तीन अलग अलग स्थानों से घेरकर फायरिंग शुरू कर दी। जिसमे सीओ सहित 8 पुलिस कर्मचारी शहीद हो गए.
प्राप्त जानकारी के अनुसार कानपुर पुलिस हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को पकड़ने बिकरू गांव गई थी. विकास दुबे पर शिवली थाने में घुसकर दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या का आरोप था. दबिश देकर सीओ के नेतृत्व में पकड़ने गई थाना चौबेपुर एवं बिठूर पुलिस टीम पर गुरुवार आधी रात के बाद बदमाशों ने हमला कर दिया. घरों की छत से पुलिस पर गोलियां बरसाई गईं, दोनों ओर से गोलीबारी में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत एसओ शिवराजपुर व 2 सब इंस्पेक्टर और चार सिपाही शहीद हो गए. वहीं छह से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. जिन्हें कानपुर नगर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें से एक पुलिस कर्मी की हालत गंभीर बनी हुई है. पुलिस फोर्स ने गांव को चारों तरफ से घेर रखा है और गांव में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है.
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का जघन्य आपराधिक इतिहास रहा है. बचपन से ही वह अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहता था. पहले उसने गैंग बनाया और लूट, डकैती, हत्याएं करने लगा. 19 साल पहले उसने थाने में घुसकर एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री की हत्या की और इसके बाद उसने राजनीति में एंट्री लेने की कोशिश की थी. लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. विकास कई बार गिरफ्तार हुआ, एक बार तो लखनऊ में एसटीएफ ने उसे दबोचा था.
कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव का निवासी विकास के बारे में बताया जाता है कि उसने कई युवाओं की फौज तैयार कर रखी है. इसी के साथ वह कानपुर नगर से लेकर कानपुर देहात तक लूट, डकैती, मर्डर जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देता रहा है. जानकारी के अनुसार, कानपुर में एक रिटायर्ड प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडेय हत्याकांड में इसको उम्र कैद हुई थी.