उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक जी ने जन्माष्टमी के पवित्र अवसर पर भगवान श्री कृष्णा के दर्शन किये। उन्होने परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से भेंट कर आशीर्वाद लिया। स्वामी जी ने मंत्री जी से हरिद्वार और ऋषिकेश को जोड़ने वाले सड़क मार्ग को बेहतर, हरा-भरा और सुरक्षित बनाने को लेकर चर्चा की।
स्वामी जी ने बताया की अक्टूबर माह से अप्रैल तक तीर्थ नगरी हरिद्वार और ऋषिकेश में पूरे विश्व से सैलानी आते है उस समय विशेष तौर पर रामझूला, लक्ष्मणझूला, रामझूला से वेद निकेतन का मार्ग जिस पर लाखों की सख्ंया में सैलानी आते है अतः इन सड़कों को स्वच्छ, स्वस्थ एवं सुरक्षित बनाना और सैलानियों को बेहतर सुविधायें प्रदान करना ताकि उत्तराखण्ड पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि रामझूला से लक्ष्मणझूला, गरूढ़चट्टी, रामझूला से महर्षि व्यास कुटीर तथा हरिद्वार को जोडने वाला शहरी आबादी वाला और राजाजी नेशनल पार्क वाले मार्ग की सुध लेना नितांत आवश्यक है। उन्होने कहा कि हमारा सड़क मार्ग ठीक होगा तो पर्यटन बढ़ेगा, रोजगार के अवसर भी बढेंगे तथा पलायन घटेगा।
स्वच्छ और स्वस्थ पर्यटन के लिये तीर्थ नगरी में दैनिक स्वच्छता की बेहतर व्यवस्थाओं पर ध्यान देना होगा, तरल और ठोस अपशिष्ट का सुचारू प्रबंधन, प्लास्टिक पर प्रतिबंध, हरित विकास, सार्वजनिक स्थलों की प्रतिदिन सफाई तथा कूडे के निस्तारण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि तीर्थ नगरी में सैलानी आकर अध्यात्म के साथ-साथ स्वच्छता का भी संदेश लेकर जाये।
परमार्थ निकेतन में धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी मनायी गयी। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने भजन संध्या का आयोजन किया। इस अवसर पर विदेशी सैलानी भी भक्ति भाव में विभोर दिखे। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि जन्माष्टमी उत्सव के साथ अपने जीवन को भी महोत्सव बनाये यही इस पर्व का आशय है।
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर स्वामी जी महाराज ने वहां उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को नदियों को स्वच्छ रखने तथा गौ वंश को संरक्षित रखने का संकल्प कराया। इस अवसर पर जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी, स्वामिनी आदित्यनन्दा जी, सुश्री गंगा नन्दिनी जी, लौरी जी, इन्दू जी, व्यवस्थापक राम अनन्त तिवारी जी, आचार्य संदीप जी, आचार्य दीपक जी, आचार्य पे्रेमचन्द्र जी, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार एवं अन्य श्रद्धालु उपस्थित थे।