चीन का निष्क्रिय अंतरिक्ष स्टेशन 'तियांगोंग-1' पृथ्वी पर गिरने से पहले ही नष्ट हो गया है. अब इसके कुछ हिस्से पृथ्वी पर गिर सकते हैं. हालांकि इसके भारत के आसपास गिरने की संभावना नहीं है. सोमवार को चीन ने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन 'तियांगोंग-1' साउथ पैसिफिक के ऊपर वायुमंडल में दोबारा प्रवेश किया और नष्ट हो गया है. हालांकि इसके कुछ हिस्से जमीन पर गिरेंगे.
इसके पहले कहा जा रहा था कि यह ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच गिर सकता है. रविवार को चाइना मैन्ड स्पेस इंजीनयरिंग ऑफिस (CMSEO) ने चेताया था कि 'तियांगोंग-1' अंतरिक्ष स्टेशन कुछ ही घंटे में वायुमंडल में प्रवेश कर जाएगा और इसके ऑस्ट्रेलिया से लेकर अमेरिका तक कहीं पर भी गिरने की आशंका है. CMSEO ने कहा था कि सोमवार को अंतरिक्ष प्रयोगशाला (स्पेस लैब) पृथ्वी के वायुमंडल में दोबारा प्रवेश करेगा.
इसके अलावा CMSEO द्वारा हाल ही में प्रकाशित लेख में कहा गया था कि 'तियांगोंग-1' वायुमंडल में जल जाएगा और इससे जमीन पर किसी तरह के नुकसान होने की संभावना बेहद कम है. CMSEO ने यह पहले ही कह दिया था कि आठ टन वजन वाले इस स्पेस लैब से विमानन गतिविधि पर कोई प्रभाव पड़ने या जमीन पर कोई नुकसान पहुंचने की संभावना नहीं है. हालांकि लैब के मलबे का बहुत छोटा सा हिस्सा जमीन पर गिरेगा.
वैज्ञानिकों ने यह भी कहा था कि पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद अंतरिक्ष स्टेशन पर नियंत्रण नहीं होगा. पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद 'तियांगोंग-1' बिखर जाएगा और इसके कुछ ही हिस्से जमीन तक पहुंचेंगे, लेकिन ये हिस्से समुद्र या निर्जन क्षेत्र में भी गिर सकते हैं.
वहीं, अमेरिका के मिशिगन में अधिकारी इसको लेकर अलर्ट हैं, ताकि किसी भी स्थिति से निपटने निपटा जा सके. आपात टीमें भी तैयार की गई हैं. मालूम हो कि तियांगोंग-1 एक अंतरिक्ष लैब था, जिसे सितंबर 2011 में प्रक्षेपित किया गया था. इस लैब ने जून 2013 में अपना मिशन पूरा कर लिया था.