मंगलवार को सम्पन्न हुई कैबिनेट की बैठक में इलाहाबाद का नाम प्रयागराज व फैजाबाद का नाम अयोध्या करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.
ऐसे बदलता है शहर का नाम
- किसी शहर के स्थानीय लोग या जनप्रतिनिधि नाम बदलने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजे
- राज्य मंत्रिमंडल प्रस्ताव पर विचार करती है और मंजूरी देने के बाद राज्यपाल की सहमति को भेजती है
- राज्यपाल प्रस्ताव पर अनुंशसा देने के साथ अंतिम मंजूरी के लिए केंद्रीय गृहमंत्रालय को भेजता है
- गृहमंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद राज्य सरकार नाम बदलने की अधिसूचना जारी करती है
आज लोकभवन में कैबिनेट की बैठक में कुल 10 प्रस्तावों पर सहमति बनी है.
- इनमें वित्तविहीन स्कलों के अध्यापकों को भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा.
- इसके साथ ही मक्का की 1700 रुपये एमएसपी तय की गई है. 20 रुपये प्रति कुंतल अलग से ढुलाई दिया जाएगा. 20 जिलों में खरीद होगी. 214.9 करोड़ का बजट है. एक लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य है. बैठक में चिकित्सा विश्विद्यालय की सेवा नियमावली में पांचवा संशोधन किया गया है. अब लेक्चरर की जगह असिस्टेंट प्रोफेसर का पद होगा. लखनऊ मेट्रो रेल को 48.03 वर्ग मीटर जमीन राजकीय पॉलीटेक्निक की फैजाबाद रोड पर दी गई है. काशी विश्वनाथ कारीडोर के लिए 130 भवन और अधिग्रहीत किए जाएंगे। 166 पहले अधिग्रहण है. इसके लिये 413 करोड़ का बजट है जिसमें 190 करोड़ स्वीकृत किया जा चुका है. इसके साथ नए मेडिकल कॉलेज सोसाइटी मोड में चलेंगे. गुजरात, राजस्थान व मध्य प्रदेश का यह मॉडल लागू होगा. चिकित्सा शिक्षा मंत्री इसकी संचालन कमेटी के अध्यक्ष होंगे.
- इसके साथ ही वाराणसी के राजघाट पुल पर हुए हादसे में 25 मौत होने के मामले में न्यायिक आयोग की रिपोर्ट को सदन में रखने को अनुमोदन दिया गया. अब प्रदेश में वित्तविहीन शिक्षकों को मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. प्रदेश में ऐसे 19275 स्कूल हैं. इसके तहत 18 मंडलों से एक-एक लोगों को 25-25 हजार पुरस्कार 25 दिसम्बर को अटल जयंती पर दिया जाएगा. 15 वर्ष की नियमित सेवा शिक्षक के लिये और 20 वर्ष की नियमित सेवा प्रधानाचार्य के लिये अनिवार्य है.